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स्टूडेंट हाउसिंग सेक्टर में 2023 तक होगा 70 करोड़ डॉलर का निवेश!

फैजान हैदर, नई दिल्ली देश में के 90 पर्सेंट हिस्से पर अभी भी हिस्सा अभी असंगठित है और साल 2023 तक इसमें 70 करोड़ डॉलर का निवेश हो सकता है। यह बात अमेरिका की रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म CBRE ने एक रिपोर्ट में कही है। इसके मुताबिक, अभी हायर एजुकेशन ले रहे 6 स्टूडेंट्स पर सिर्फ एक हॉस्टल बेड है इसलिए टॉप 30 कंपनियों ने स्टूडेंट हाउसिंग/को-लिविंग स्पेस में अगस्त 2019 तक 2,50,000 से ज्यादा स्टॉक बेड्स ऑफर किए हैं। इसमें 2019-2023 के बीच 36 पर्सेंट CAGR (चक्रवृद्धि दर) से बढ़ोतरी हो सकती है। CBRE के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर (कंसल्टिंग ऐंड वैल्यूएशंस) हरीश नायर का कहना है, ‘स्टूडेंट हाउसिंग सेगमेंट में अपार संभावनाएं हैं क्योंकि उच्च शिक्षा के लिए एक से दूसरे शहर जाने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है। कुछ राज्यों में विदेशी छात्रों की बढ़ती तादाद के कारण स्टूडेंट एकोमोडेशन की काफी मांग है। इसे पूरा करने के लिए एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के पास पर्याप्त साधन नहीं हैं। सरकार ने 2020-21 तक 30 पर्सेंट ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (GER) का लक्ष्य तय किया है। इसलिए सेगमेंट में डिवेलपर्स के लिए काफी अच्छी संभावनाएं हैं।’ निवेश में बढ़ रही दिलचस्पी देश की एजुकेशन इंडस्ट्री में सुधार हुआ है। पिछले पांच वर्षों में देश भर में स्टूडेंट एनरोलमेंट तकरीबन 13 पर्सेंट बढ़ा है। PhD, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट जैसे उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में एनरोलमेंट 3.60 करोड़ तक पहुंच गया है। स्टैंजा लिविंग के मैनेजिंग डायरेक्टर और को-फाउंडर अनिंद्य दत्ता ने बताया, ‘अगले एक दशक में स्टूडेंट हाउसिंग सेक्टर के तीन गुना रफ्तार से बढ़ने की संभावना है। अभी इस पर असंगठित क्षेत्र का कब्जा है। इसलिए इंफ्रास्ट्रक्चर और क्वॉलिटी सर्विस की कमी है।’ उन्होंने बताया, ‘यूनीक लाइफस्टाइल की जरूरतों को पूरा करने के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ हमारे जैसे ऑपरेटरों की एंट्री से हाई कंज्यूमर वैल्यू बनी है। वहीं दूसरी ओर, इंप्रूव्ड ऐसेट यील्ड और प्रोफेशनल मैनेजमेंट के चलते सेगमेंट में डिवेलपर्स, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और दिग्गज कारोबारियों की निवेश में दिलचस्पी बढ़ी है।’ एनरोलमेंट के हिसाब से तीसरे नंबर है देश का हायर एजुकेशन सिस्टम CBRE की रिपोर्ट के मुताबिक, देश का हायर एजुकेशन सिस्टम स्टूडेंट एनरोलमेंट के हिसाब से चीन और अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा है। इस वजह से प्रमुख एजुकेशन हब में प्रवासी छात्रों की बढ़ती संख्या से उनके लिए हाउसिंग की मजबूत मांग बनी हुई है। CBRE चेयरमैन ऐंड सीईओ (भारत, दक्षिणपूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका) अंशुमान मैग्जीन के मुताबिक, स्टूडेंट्स में बढ़ती मोबिलिटी और प्राइ‌वेट हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट की बढ़ती संख्या से देश में कई नए शैक्षणिक केंद्र उभरे हैं। देश में सबसे ज्यादा कॉलेज उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश जैसे बड़े राज्यों में हैं। इनमें से ज्यादातर राज्यों में पिछले कुछ सालों में स्टूडेंट एनरोलमेंट में तेज बढ़ोतरी देखी गई है।’


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