नई दिल्ली इकॉनमी में स्लोडाउन के बावजूद अफोर्डेबल हाउस यानी सस्ते मकान के लिए डिमांड काफी अच्छी है। यही कारण है कि अब सरकार अर्फोडेबल हाउस की सीमा को 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने पर जल्द फैसला ले सकती है। इस बारे में पीएमओ के साथ आरबीआई से बात की जाएगी। वहां से हरी झंडी मिलने पर इसको अमल में लाया जाएगा। वित्त मंत्री के साथ गुरुवार को मीटिंग में बैंकों के उच्चाधिकारियों के साथ हाउजिंग फाइनैंसिंग कंपनियों ने सस्ते मकान की परिभाषा में बदलाव करने की मांग करते हुए कहा था कि 50 लाख रुपये तक के मकान को अफोर्डेबल हाउस के दायरे में लाया जाए। बैंकरों ने वित्त मंत्री को दिए थे ये सुझाव सूत्रों के अनुसार, बैंकरों ने कहा था कि इस वक्त सबसे अधिक लोन की मांग अफोर्डेबल हाउजिंग सेक्टर के लिए है। अगर अफोर्डेबल हाउस की सीमा 50 लाख रुपये तक कर दी जाए तो इससे रियल एस्टेट में फिर से तेजी आ सकती है। बैंकरों ने यह भी कहा था कि इस सेक्टर में लोन देने में रिस्क काफी कम है। ऐसे में लोन के एनपीए बनने पर ज्यादा जोखिम नहीं बनता है। सूत्रों के अनुसार, बैंकरों और हाउजिंग फाइनैंस द्वारा दिये गये आंकड़ों के बाद वित्त मंत्रालय ने इस मांग पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी के अनुसार, सरकार इस वक्त इकॉनमी में तेजी लाने के लिए वह सारे कदम उठाएगी, जिससे उसके खजाने पर बाेझ कम पड़े और रिस्क भी कम हो।
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